Friday, February 20, 2009

एक हकीकत- गाली जो पुरुष्कार के बोझ तले दब कर रह गई" !

शायद आप लोगो को याद हो जब कुछ वक्त पहले इसी मंच पर मैंने एक लेख लिखा था " गाली जो पुरुष्कार के बोझ तले दब कर रह गई" ! अब जरा इस ख़बर को पदिये और सोचिये, सोचिये ! सोचिये ! कितनी देर से अक्ल आती है हम हिन्दुस्तानियों को !
"संगीतकार आदेश श्रीवास्तव का कहना है कि फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' को ऑस्कर पुरस्कार के लिए नामांकित किए जाने के बाद से उन्हें अमेरिका की गलियों में घूमने में शर्म महसूस होती है क्योंकि वहां भारतीयों को लोग 'स्लमडॉग्स' कहकर पुकारने लगे हैं।
श्रीवास्तव ने कहा, "मैं काफी दुखी हूं। वे अब भारतीयों को स्लमडॉग्स कहने लगे हैं, जैसे 'कुली' शब्द को ब्रिटेन में गाली के रूप में प्रयोग किया जाता है। अमेरिका में स्लमडॉग मेरे लिए गाली की तरह है। "
उन्होंने कहा, "मुझे मुंबई ने सब कुछ दिया है। मुंबई को मैंने नजदीक से देखा है। मैं भी बाल वेश्यावृति पर फिल्म बना सकता हूं लेकिन मुझे ऑस्कर नहीं मिलेगा क्योंकि मैं गोरा नहीं हूं।"
श्रीवास्तव ने कहा कि फिल्म के निर्देशक को मुंबई को झुग्गी के रूप में दिखाने का क्या अधिकार है, अब पूरी दुनिया में मुंबई को झुग्गियों का शहर समझा जा रहा है। उन्होंने कहा, "हमलोग कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहे।"

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