Friday, July 3, 2009

पापा ये समलैंगिक क्या होता है ?

जी जनाव, जिसका मुझे डर था, आखिर वही हुआ ! इन मीडिया वालो को तो कोई मुद्दा मिलना चाहिए बस , फिर ये लोग यह नहीं देखते कि उस बात का हमारे समाज में प्रौढ़ वर्ग पर क्या असर पड़ रहा है ! उन्हें कितनी जिल्लत झेलनी पड़ती है ? इन्हें तो बस अपनी टी आर पी बढाने की चिंता रहती है !वैसे यहाँ यह बात भी इंटरेस्टिंग है कि अक्सर हम लोग विषम बातो पर ही ज्यादा बहस करते है, लेकिन वो कहावत भी है कि हर कुत्ते के दिन फिरते है, इसलिए आजकल हम जोर-शोर से "सम" बातो पर बहस कर रहे है !

कल, जब से इस विषय पर न्यायालय का फैसला आया, तभी से टीवी खोलने से बच रहा था, लेकिन सिर्फ मेरे टीवी न खोलने भर से क्या होता है, छोटे ठाकुर ने तो कई बार देख डाला तब से, और आखिर जब जनाव के अन्दर का कौतुहल अपनी सारी हदें पार कर गया तो रात को खाने की टेबल पर उन्होंने पूछ ही डाला " पापा ये समलैंगिक क्या होता है ?"

मैं यह सुनकर थोडा सकपकाया जरूर, मगर फिर मैंने खुद को संभालते हुए एक अच्छे पिता की भांति इस तरह समझाया:
बेटा ये अंगरेजी के तीन शब्दों से मिलकर बनता है :Sum+Lain+Geek

१. Sum: To add two or more numbers togather
2. Lain: .Past participle of the word "lie"
3. Geek: A person who isn't into all the popular things

तो बेटा, इसका कुल मिलाकर यह अर्थ होता है कि जो लोग प्रचलित चीजो में शामिल नही होते और झूट-मूठ के नम्बरों को जोड़ने की कोशिश करते रहते है, उन्हें समलैंगिक कहते है! तो जनाव, मैंने तो फिलहाल इस तरह से अपना पिंड छुडा दिया, लेकिन एक और बात का डर सता रहा है कि कहीं वह फिर से यह न पूछ बैठे कि पापा ये बतावो कि विषमलैंगिक और उभय लैंगिक क्या होता है ?

और हाँ, आप भी कोई संतुष्ट उत्तर ढूंढ के रखियेगा अपने पास, हो सकता है कि आप को भी इसी तरह के प्रश्नों से दो-चार होना पड़े !

4 comments:

Pramendra Pratap Singh said...

अब हम क्‍या कहे !!!

:)

Batangad said...

ये तो होना ही था। अब आगे देखिए क्या-क्या होता है।

Unknown said...

dose not matter, its a matter of learning, teach them and tell them in details. They will also be a adult. The First lesson: Friendship with boy + boy should be nutral, otherwise friendship would also be under the doubt. (Don't be serious, Its a world of colors ..... ha ha ha)

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

Shukriya, aap sabhi ka !