Thursday, July 16, 2009

अंधेर नगरी, दxxx राजा !

अभद्र भाषा जिसके भी द्बारा और जिस रूप में भी प्रयोग की जाए, वह हमेशा नंदनीय है ! किन्तु जो इंसान उस अभद्र भाषा को किसी और रूप में एक माध्यम बनाकर अपने लाभार्थ प्रयोग करे, वह उससे कहीं ज्यादा निंदनीय है! श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी ने कल मुरादाबाद में सुश्री मायावती के सम्बन्ध में जो तथाकथित अपशब्द कहे, उन्हें हम एक सभ्य शब्दावली की श्रेणी में नहीं रख सकते ! लेकिन आइये देखे कि उन्होंने क्या शब्द इस्तेमाल किये थे:

"उत्तरप्रदेश में जिन लड़कियों का बलात्कार किया गया है और ह्त्या हुई है, उनके लिए 75,000 रुपये का मुआवजा प्रयाप्त है ? मायावती ने हेलीकाप्टर की सवारी पर इन लड़कियों को देखने के लिए 5 लाख रुपए खर्च किए,पहले वह मेरठ गई और फिर गाजिआबाद, और आखिरकार उसने उस लडकी को 75,000 रुपये दिए, जिसकी ह्त्या हुई, इन लड़कियों को मायावती से कहना चाहिए कि कोई उसके साथ भी @##*! करे, और तब वे क्षतिपूर्ति के रूप में उसे 1 करोड़ रुपए दे देंगे. " !

अब आप खुद ही इस बात का आंकलन करे कि इन शब्दो में कहाँ तक और कितना, एवं किस परिपेक्ष में अभद्र भाषा का प्रयोग हुआ है, और श्रीमती रीता बहुगुणा इसके लिए किस हद तक दोषी है! लेकिन जो बात मुझे इस पूरे प्रकरण में विचलित करती है, वह यह है कि श्रीमती बहुगुणा को SC & ST (Prevention of Atrocities Act) की धारा ३(१) तथा १० के अधीन गिरफ्तार किया गया है ! जोकि यह साफ़ परिलक्षित करता है कि दलित समुदाय के लोग अपने विरोधियों (दूसरे समुदाय के लोगो) को प्रताडित करने के लिए इस कानून का बेजा इस्तेमाल अथवा दुरुपयोग कर रहे है ! आप उपरोक्त उद्घृत श्रीमती बहुगुणा के भाषण से सहज अंदाजा लगा सकते है कि उसमे दलित वर्ग से सम्बंधित कोई अपशब्दावाली कहाँ पर इस्तेमाल हुई है?

मायावती यह भूल रही है कि वे एक दलित महिला बाद में है और एक प्रदेश की मुख्यमंत्री और राजनेता पहले है, सिर्फ़ दलित होने का मतलब यह नही की उन्हें निरंकुश राज करने की छूट मिले और जिस प्रकार से आज प्रदेश में क़ानून और व्यवस्था की स्थिति है, मुख्यमंत्री होने के नाते वे अपने दायित्व से बच नही सकती ! कोंग्रेस तो अपने ही बोए हुए बीजो की फसल काट रही है, किंतु लोकतंत्र में यदि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब और उसके परिणाम, इस तरह की नादिरशाही है,तो भगवान् बचाए इस देश को! साथ ही यदि दलित भी Might is Right की नीति का समर्थन करते है, तो फिर यही सब करने के लिए लिए उच्च जाति वर्ग के प्रति उनका आरोप महज एक छल है !

2 comments:

Rohit Jain said...

darasal hamare desh mein hamesha se yeh samasya rahi hai ki hum kisi baat ya kaam ko kuchh achchha karne ke liye shuru to karte hain per uss per bane nahin rahte. chahe kanoon ki baat ho ya dharm. hum dheere-dheere door hote jate hain aur vipreet disha mein chalne lagte hain. vajah saaf hai ki hum apna matlab sadhne lagte hain chahe baat aarakshan ki ho ya kaanoon ki. so yehi sab ho raha hai. aap kisi dalit ko kaam per nahi rakh sakte kya pata kal samasya khadi ho jaaye.

कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹 said...

sc/act inke liye to ak hathiyar hai ,jiska upyog inko karna aa gya hai .yhi hathiyar ke karn ak din grih yudh ho to koi aashchry ki koi bat nhi hogi .kyonki har cheej ki seema hoti hai ...