हालांकि अब बहुत देर हो चुकी है, फिर भी अभी भी एक चरण का मतदान बाकी है ! जिन लोगो को वोट नही डालना होता है, उनका एक ही ए़क्सक्युज होता है कि सारे के सारे तो चोर है किसको वोट दे ? मेरा उन लोगो से यह कहना है कि अगर आपको यह मालूम है कि सब के सब चोर हैं तो हमारी इस लोकतान्त्रिक व्यवस्था के मध्य चुनना तो हमे इन चोरों के बीच मे से ही किसी को है ! अब जब आप जानते है कि जीतना इन चोरों मे से ही किसी एक ने है तो क्यो न आप इन चोरों की निम्नांकित चार श्रेणियां बनाकर अपना वोट डाले और एक उम्दा चोर को चुने !
१. वह चोर जो चोरी तो करता है, लेकिन उसके कुछ वूसूल है !
२. वह चोर जो चोरी भी करता है और कोइ वूसूल नही रखता, अपने गिरोह के सरदार को खुश
रखना ही धेय है, बस !
३. वह चोर जो चोरी भी करता है और सीनाजोरी भी !
४. वह चोर जो चोरी भी करता है और गददारी भी !
अब यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप किसे उम्दा चोर समझते है !
Thursday, May 7, 2009
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