Wednesday, June 24, 2009

इन्द्रदेव से मुलाकात !

कल शाम को समाचार सुन रहा था, और सभी चैनलों पर यह बात ख़ास तौर पर दर्शाई गई थी कि मौसम विभाग के पूर्वानुमानों के आधार पर हालात को समझते हुए केंद्र सरकार ने मानसून के आगे हथियार डाल दिए है ! साथ ही केंद्र सरकार के एक प्रवक्ता ने आधिकारिक तौर पर इस बात की घोषणा कर दी है कि इस साल अच्छी बारिश नहीं होगी और अगले तीन हफ्तों तक वारिश के कोई आसार नहीं है !

इस खबर से आहात और चिंतित मैं जब रात को बिस्तर पर गया तो गरम बिस्तर से उठ रही भभकार के वावजूद मुझे तुंरत नींद आ गयी ! और मैं पैदल ही चल पड़ा सपनो की दुनिया में ! सामने रास्ते में इन्द्रदेव खड़े मुस्कुरा रहे थे, मुझे चिंतित भाव में पाते हुए वे जोर की हंसी हसे और पूछा कि बिना छाते के ही जा रहे हो, वारिश के आसार बन रहे है ? मैंने कहा, इन्द्रदेव क्यों मजाक कर रहे हो, अभी थोड़ी देर पहले ही टीवी पर अपने मौसम विभाग की भविष्यबाणी सुनकर आया हूँ, जिसमे उसने कहा है कि अगले तीन हफ्ते तक वारिश के कोई आसार नहीं दीखते ! इन्द्रदेव मेरे बात सुनकर फिर जोर से हँसे और फिर थोडा गंभीर मुख मुद्रा बनाते हुए बोले, देखना एक हफ्ते में मैं तुम्हारे इस मौसम विभाग को शर्म से पानी-पानी न कर दू तो मेरा नाम भी इन्द्र नहीं ! बड़ा आया भविष्यबाणी करने वाला, ये होता कौन है, मेरे एक-छत्र राज पर नुक्ताचीनी करने वाला ? यह मार्च ,में ही भविष्यबाणी कर चुका था कि इस बार सामान्य से अधिक बारिश होगी, अब जाकर पूछो उससे कि क्या हुआ उसकी उस भविष्यबाणी का ? अब कहता है कि वारिश नहीं होंगी, मैं भी देखता हूँ कि कैसे नहीं होती वारिश? हां, अगले हफ्ते से टहलने निकलो तो छाता लेकर निकलना !

मैंने हाथ जोड़कर कहा, हे इन्द्रदेव ! भाड़ में जाए हमारा ये मौसम विभाग, आप क्रोधित ना हो और बस आपकी बात सत्य निकले !!

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