Friday, May 29, 2009

फिर उच्च जाति वर्ग और सवर्णों को किस बात का दोष ?

जब मौका मिले , हमारा यह तथाकथित दलित समाज, उच्च जाति वर्ग और सवर्णों को इस बात के लिए कोसता फिरता है कि उन्होंने समाज में अपने उच्च और सवर्ण होने का फायदा उठाकर दलितों का शोषण किया और उन्हें दबाये रखकर सिर्फ अपना भला किया ! मैं इनसे पूछता हूँ कि इस देश के सवर्णों ने तो फिर भी आपको कई मौके दिए कि आप भी अपना उत्थान कर सको, मगर क्या कभी तनिक आप लोगो ने अपने गिरेवान में झाँककर देखा कि तुम लोग क्या करते हो ?अभी ताजा-ताजा हमारे समक्ष बहुत सारी मिसाले है लेकिन मैं बहुत सारी मिसाले पेश नही करूँगा, क्योंकि आप लोग सब जानते हुए भी अगर अनजान बनने की कोशिश करे तो कोई क्या कर सकता है? लेकिन जिस तरह आपके कुछ तथाकथित दलित बाहुबली मसलन तमिलनाडु के एम्. करुणानिधी, समय-समय पर सब कुछ ताक पर रखकर सिर्फ अपना और अपने परिवार( तीन बीबियाँ और उनके रिस्तेदार ) का ही भला सोचते है, और आप उसे उचित ठहराते है (वोट देकर ), तो यदि सवर्णों और उच्च जाति वर्ग के लोगो ने भी जब उन्हें मौका मिला,ठीक वैसा ही किया जैसा आज आप लोग कर रहे हो, (आरक्षण भी चाहिए और पूरे परिवार का भला भी) तो उन्होंने कौन सा गुनाह किया?

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