Sunday, November 22, 2009

फिर सनक गया दिमाग कार्टून बनाने को.....







ट्वींकल-ट्वींकल औल दि नाईट !

रविवार की व्यस्तता की वजह से कल रात को कुछ खास नही लिख पाया ! लोग कहते हैं कि इंसान का कबाडी(साहित्यिक) दिमाग पैदाइशी होता है, एक हास्य (पैरोडी कहना पता नही कहां तक उचित होगा, मुझे नही मालूम) तब लिखी थी, जब नौवीं-दसवीं मे पढ्ता था ! और मेरा तो यह मानना है यह एक ऐसी पोएम थी, जिसे ज्यादातर लोगो ने समय-समय पर अपने तरीके से भिन्न-भिन्न रूपों मे प्रस्तुत किया, आइये आपको भी सुनाता हूं! कुछ व्याकरण की गलतियों को जो उस समय पर मेरे हिसाब से सही थी, मैने उनमे सुधार नही किया, शब्द अगर अशोभनीय लगे तो अग्रिम माफ़ी !

ट्वींकल-ट्वींकल औल द नाईट
जीरो वाट की धुमली लाईट
वन मिड नाईट वेन माई वाइफ़ वज
डीपली सिलेप्ट ऐट माई लेफ़्ट साईड
सपने मे सी सौ अ पिक्चर,
ऐज वह ट्रैवलिंग इन अ ऐयर फ़्लाईट
जिसमे सौ हर मोस्ट ब्युटी,
भेरी डेंजरस अ ग्रीडी काईट
हर ब्युटिफुल फ़ेस हैड डर के मारे,
तुरन्त बिकेम फ़्रोम रेड टु वाईट
ऐट लास्ट जब काइट रीच्ड नियर हर,
बचाओ-बचाओ ! सी क्राईड
मै जागा ऐन्ड वोक्ड हर अप
बाय हर आर्म्स सी होल्ड मी वेरी टाईट
सुन कर हर व्वाइस अवर पडोसी,
सोचा दिस कि दे हैव अ फाईट
पर जब दे पीप्ड विन्डो से अन्दर,
बोले, अच्छा फूल बनाया राइट-राइट
ट्वींकल-ट्वींकल औल द नाईट
जीरो वाट की धुमली लाईट

24 comments:

नीरज गोस्वामी said...

कार्टून और कविता दोनों ने आनंद ला दिया...वाह
नीरज

जी.के. अवधिया said...

वाह! ये तो हिन्दी-अंग्रेजी का जोरदार घालमेल है।

Mithilesh dubey said...

बहुत खूब सर जी , कविता और कार्टुन दोनो लाजवाब रहें।

isibahane said...

संयुक्त घोषणा पत्र में लिखिएगा- 'ठाकरे परिवार' ! कार्टून और कविता का संगम मज़ेदार है।

निर्मला कपिला said...

गर ये सनक है तो ऐसी सनक रोज़ आये बहुत बडिया कविता भी और कार्टून भी बधाई

sada said...

दोनो ही काम आपने दिल से किये हैं तभी तो इन दोनों की कोई मिसाल नहीं, बधाई के साथ शुभकामनायें ।

mehek said...

cartoon aur kavita dono jabardast waah

कमलेश शर्मा said...

मजेदार कविता और कार्टून

श्रीश पाठक 'प्रखर' said...

कविता और कार्टून...एक साथ..और वो भी अच्छे-अच्छे..वाह..गोदियाल साहब..वाह..!

cmpershad said...

ट्वींकल-ट्वींकल औल द नाईट
जीरो वाट की धुमली लाईट
जब ले रहे थे सपनों की फ़्लाइट
पत्नी ने ली क्लास लेफ़्ट एण्ड राइट
जब खुली नींद एट ट्विलाइट :)

संजय बेंगाणी said...

वेरी बिग स्माइल.

अजय कुमार said...

कविता अच्छी है लेकिन कार्टून लाजवाब है

राज भाटिय़ा said...

ट्वींकल-ट्वींकल औल द नाईट
जीरो वाट की धुमली लाईट
मजेदार जी कार्टुन भी बहुत सुंदर लगा.
धन्यवाद

Ratan Singh Shekhawat said...

मजेदार कविता और कार्टून

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक said...

BHAAREE-BHARKAM MAGAR
Bahut chhota sa comment.
NICE.

पं.डी.के.शर्मा"वत्स" said...

कार्टून तो एकदम जबरदस्त है!!


ओर कविता के भी क्या कहने....हिन्दी-अंग्रेजी की बढिया खिचडी पकाई आपने:)

अजय कुमार झा said...

वाह गोदियाल जी वाह,
कार्टून कविता ..ये कंबिनेशन तो डेडली निकला जी एक दम से ..टैण टैणेन ..टेने नेनेन

Kirtish Bhatt, Cartoonist said...

आप लोगों को नए नए शौक लगा रहे हैं गोदियाल साहब !!!
कल को हमारे ब्लॉग पे भी कार्टून के साथ कविता की डिमांड हो गयी तो ???? कार्टून तो ठीक है पर कविताओं के लिए कहाँ सर फोड़ने जायेंगे ??
:D

विनोद कुमार पांडेय said...

बहुत बढ़िया शौक है और हम सब को भी बढ़िया लगता है..बनाते रहिए कार्टून और कविता तो है ही लाज़वाब..मजेदार .

पी.सी.गोदियाल said...

@Kritish Bhatt,
भट्ट साहब सर्वप्रथम मेरे ब्लॉग पर पधारने के लिए आपका हार्दिक शुक्रिया ! हाँ आपकी बात सत्य है, मैं तो वैसे कविता ही ज्यादा लिखता हूँ कार्टून तो बस आप लोगो की देखा देखी करके बना दिया, लेकिन आपका concern उचित है आगे से कार्टून के साथ कविता नहीं प्रस्तुत करूंगा :)

दिगम्बर नासवा said...

ट्वींकल-ट्वींकल औल द नाईट
जीरो वाट की धुमली लाईट ...

वाह गोदियाल साहब ......... कार्टून तो कमाल का है ही .......... ये हिन्दलिश की कविता भी लाजवाब है ......... मज़ा आ गया ......

अल्पना वर्मा said...

badhiya cartoon!

महफूज़ अली said...

Waah! bahut badhiya laga cartoon.... aur kavita ke to kya kahne.....

ललित शर्मा said...

गोदियाल जी हम भी सनक गये हैं इसलिए आपकी पुरानी पोस्ट पढ रहे हैं -आप भी सनकते रहिए, कुछ नया निकल कर ही आयेगा-और आपके दुसरे ब्लाग पर मैने एक कमेंट किया था-कृपया ध्यान दे।