Tuesday, December 9, 2008

बीजेपी बनाम पाकिस्तान !

टीवी पर चुनाव के नतीजों के समाचारों और विश्लेषणों से उकताकर एक कोने में बैठा मूंगफली के छिलकों को अपने कोपभाजन का शिकार बना रहा था कि यूँ ही बहुत सारे ख़याल दिलोदिमाग में आए और आते चले गये ! इनमे से कुछेक को यहाँ लेखनी में बंद कर रहा हूँ !

पुरे देश के मतदातावो की तुलना में, मैं समझता हूँ कि दिल्ली का मतदाता ज्यादा पढ़ा-लिखा होगा ! और ज्यादा नही मगर कुछ मायनो में दिल्ली के चुनाव परिणाम वाकई चौंकाने वाले है ! भूल जाईये आतंकवाद को क्योंकि अब ज्यादातर हिन्दुस्तानी इसके आदी हो चुके मगर क्या दिल्ली के मतदातावो की याददाश्त वाकई इतनी ख़राब हो गई है कि इन्हे अभी एक महीने पहले तक की दिल्ली की सडको का वह बदहाल नक्शा भी याद नही रहा जो इन्होने विकास के नाम पर ( जैसा कि कांग्रेस वाले कह रहे है ) वोट दिया ? या फिर बीजेपी के जोकरों की शक्ल इतनी भद्दी थी जो इनको रास नही आई ? कुछ तो अजूबा है , दाल में काला न सही , दाल में कंही गंध जरूर है !

बीजेपी की बात चली है तो यह भी एक इत्तफाक ही कहूँगा कि दक्षिण एशिया के इस तथाकथित सबसे बड़े लोकतंत्र के परिदृश्य में परदे पर जो दो दृश्य इस वक्त कुछ ज्यादा ही नजरो के सामने है, उनमे से एक है पाकिस्तान और दूसरा बीजेपी ! आगे बढ़ने से पहले बता दूँ कि यहाँ अगर बीजेपी और पाकिस्तान की बात चल पड़ी है तो अपनी कांग्रेस को अमरीका और ब्रिटेन के समक्ष रखना होगा जिनका मूल मन्त्र है फूट डालो और राज करो !.... येन-केन प्रकारेण अपना हित सर्वोपरि बाकी दुनिया जाए भाड़ में....... !

बीजेपी और पाकिस्तान रूपी दृश्यों पर जब एक साथ नज़र पड़ती है इनकी तुलनात्मक दृष्टि से जब आंकलन करने लगता हूँ तो इन दोनों के बीच मुझे काफ़ी समानताएं नज़र आने लगती है ! मसलन दोनों का बड़बोलापॅन ! अभी एक टीवी फुटेज देखी थी ! २६/११ के बाद हिन्दुस्तानी मीडिया का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तानी मीडिया ने अपने एक सुरक्षा सलाहाकार को कार्यक्रम में आमंत्रित किया ! वे भले ही अपनी पैंट ठीक से नही संभाल पा रहे हो मगर उन सुरक्षा सलाहकार महोदय के तेवरों से ऐंसा लग रहा था मानो ये अभी इंडिया पर परमाणु मिसाइल दाग देंगे ! बोलते वक्त ये भूल जाते है कि अगर हम दुसरे के खिलाफ ब्रहमास्त्र प्रयोग करने की बात कर रहे है तो क्या दूसरा यू ही हाथ पर हाथ धरे, राम भरोसे बैठा रहेगा क्या ? ( हालाँकि भारत के संदर्भ में यह बात काफ़ी हद तक फिट नही बैठती, २६/११ और उसके बाद की घटनाएं इसका ज्वलंत उदाहरण है )

दूसरी जो मुख्य बात है वह है इन दोनों की कार्य प्रणाली में संजीदगी का अभाव, इनके कामो में जमीनी सच्चाई कम और तमाशा ज्यादा छलकता है ! 'कथनी और करनी' में जमीन आसमान का फर्क ! ढीडोरा पीटना मानो इनका जन्म सिद्ध अधिकार हो ! इस किस्म के प्राणी अगर कभी लग्न और इमानदारी से भी कोई काम कर रहे हो तो देखने वाले को वह भी " ड्रामेबाजी " ही नज़र आती है !

तीसरी जो समानता है वह है नैतृत्व, ये अपने भाषणों में तो बड़ी बड़ी अग्नि और शाहीन मिसाइले छोड़ देते है मगर जब मिसाइल छोड़ने का सही वक्त आता है तो इनको यह पता ही नही रहता कि बटन किसके हाथ में है ? मिंया जरदारी साहब इधर हिन्दुस्तान आकर अपने अडवाणी जी से हाथ मिलाकर भविष्य में आतंकवाद को नियंत्रित करने के फोर्मुलो पर विचार कर रहे होते है और दूसरी तरफ अगले ही दिन उनके पाकिस्तानी बाज थाक्डे मुंबई पर हमला कर निर्दोषों को हलाल कर बकर ईद मनाने की जुगत में होते है ! नवाज़ मिंया अटल जी की गाड़ी के लिए लाहौर आने का रास्ता तैयार कर रहे होते है तो मुशर्रफ मिंया कारगिल की पहाड़ी से आगे सड़क पर बड़े बड़े पत्थर लुढ़का देते है ! मुशर्रफ- जरदारी, गिलानी-कियानी, मूसा- गुल, अटल-अडवाणी, राजनाथ-मोदी, बानर सेना- भालू सेना, सब गोलमाल, पता ही नही चल पाता कि इनका सुप्रीम कमानडर है कौन और इनकी जबाबदेही है किसके प्रति ?

चौथी और एक और प्रमुख समानता है कि हर जगह अपना राजनैतिक स्वार्थ देखकर टांग अडाना ! चाहे वह अफगानिस्तान की तालिबान का मुद्दा हो या जम्मू कश्मीर का, चाहे वह अमरनाथ जमीन का मुद्दा हो या मालेगांव के साध्वी का ! वजाय इसके कि धार्मिक मुद्दों को राजनीती से अलग रख उस पर अपना अलग रुख अख्तियार करे , ये हर जगह ठेकेदार बन कर पहुँच जाते है ! इसका जो भी सिपय-सालार वहां पहुँचता है कुछ भी बोल देता है ! क्या बोलना है क्या नही, कोई लगाम नही !

एक समय था जब मै भी यह मानकर चलता था की इस पार्टी में आगे चलकर देश को नई उचाईयो पर ले जाने की क्षमता है लेकिन लगता है मेरा यह भ्रम भी जिन्ना के पकिस्तान रूपी ख्वाबो की तरह सिन्धु नदी के तट पर दफ़न हो जाएगा ! ऐंसा नही कि इनमे पढ़े लिखे , समझदार , इमानदार और कर्मठ लोगो की कमी है दोनों तरह ऐंसे लोगो की भरमार है कमी है तो बस शालीनता की , कमी है तो बस पारदर्शिता की , कमी है तो बस एक दृड़ संकल्प की, कमी है इच्छा शक्ति की, कमी है अपने संकीर्ण दृष्टिकोण और निजी स्वार्थो को छोड़ एक व्यापक परिदृश्य में सोचने की !

10 comments:

shama said...

Hame harek pakshne nirash kar diya hai. Is muddeko leke zabardast janjagrutiki zaroorat hai....rajnetaonki kyon koyi jawabdehi nahi hoti..?Kuchh bohothi bhayankar ghatna ghat jay to jantaki aankhonme dhool fenkne ke liye chand neta apna isteefa de dete hain...aur unki jagahpe kaun aata hai ? Jinhen unse pehle kisi baatpe isteefa dena pad gaya tha !Kya yahan dosh jantakabhi nahi ? Kyon ham chupchap sab seh lete hain??!980 Dr Dharamveer National Commission ne antargat suraksha yantranako adhik prabhavi banane ke liye bahumoolya sujhaw diye the...supreme courtne unhen turant amal me laaneka aadesh diya tha...lekin pichhale 28 saalon se jitnibhi sarkaren aayi, sabne us aadeshka anadar kiya...jantane kya kiya??Kyon PIL daakhil nahi ki ??Aaj agar us commissionke sujhaw lagu kar diye hote to Aatankwaadse nipatneke liye hamari suraksha yantrana kahin zyada sajj hoti, b nisbatki jaisi aaj hai...!
Mai cheenkh ke darkaar kar rahi hun...is muddeko leke koyi to mera saath do...mai karne jaa rahi hun PIL, par har doosare wyaktiko lagata hai, kaun jhanjhat mol le...to phir agle, aur phir agle...istarah aatankwaadi hamle hame nigalte chalenge....ek din aisa aayega jab koyibhi inse jhulse bina bachega nahi....shayad janta bade bhram me hai...aisa to doosronke saath hota hai...hamare saath thodehi hoga..?
Mere blogpe kuchh samayik lekh padhneka nimatran de rahi hun..
Swagat hai aapka..

shama said...

word verification hata den to behtar rahega...

bijnior district said...

हिंदी लिखाड़ियो की दुनिया मे आपका स्वागत। अच्छा लिखे । बढि़या लिखे। इस शुभकामना के साथ।
कृपया सैटिंग में जाकर वर्ड वैरिफकिशन हटा दें

Prakash Badal said...

स्वागत है आपका

संगीता पुरी said...

आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

लेखन की दुनिया के इस अनाडी को आप सभी लोगो ने जो प्यार और प्रोत्साहन दिया उसके लिए तहे दिल से आप सभी का धन्यवाद करता हूँ और अपेक्षा करता हूँ की भविष्य में भी आप लोग मार्गदशन करते रहेंगे ! हा मैंने word varification हटा दिया है
Thanks once again
PCG

ज्योत्स्ना पाण्डेय said...

चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है
रचना पर टिपण्णी उसे पढ़ने के बाद दूँगी , शुभ-कामनाएं

मेरा ब्लाग आपकी टिपण्णी-सज्जा के लिए आतुर है कृप्या एक बार अवश्य पधारें

Rahul Rathore said...

बीजेपी के कहा ,बढ़िया कोशिश की .....हाँ आपकी अंत वाली बातों से मैं बिल्कुल सहमत हूँ की यहाँ वुद्धिमानों की कमी नही है | कमी तो "कथनी और करनी" का है | इसके लिए "दृढ इच्क्षाशक्ति" की | धन्यवाद

प्रवीण त्रिवेदी said...

हिन्दी ब्लॉग जगत में प्रवेश करने पर आप बधाई के पात्र हैं / आशा है की आप किसी न किसी रूप में मातृभाषा हिन्दी की श्री-वृद्धि में अपना योगदान करते रहेंगे!!!
इच्छा है कि आपका यह ब्लॉग सफलता की नई-नई ऊँचाइयों को छुए!!!!
स्वागतम्!
लिखिए, खूब लिखिए!!!!!


प्राइमरी का मास्टर का पीछा करें

Manoj Kumar Soni said...

सच कहा है
बहुत ... बहुत .. बहुत अच्छा लिखा है
हिन्दी चिठ्ठा विश्व में स्वागत है
टेम्पलेट अच्छा चुना है
कृपया मेरा भी ब्लाग देखे और टिप्पणी दे
http://www.ucohindi.co.nr